कोविड- 19 आपके इम्यून सिस्टम को कैसे प्रभावित करता है?

कोविड- 19 आपके इम्यून सिस्टम को कैसे प्रभावित करता है?

रोहित पाल

जैसे-जैसे हम कोरोना के बारे में अधिक जानते गए वैसे-वैसे हमें इसके मानव शरीर को प्रभावित करने वाले कई तरीकों के बारे में पता चला। जैसे यह न केवल  फेफड़ों को, बल्कि दिल, किडनी और लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है। साथ यह पाचन तंत्र पर भी प्रभाव डालता है, ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्कों का जोखिम भी बढ़ा देता है। इसमें ऐसा भी देखने को मिला कि कुछ लोगों के त्वचा पर चकत्ते थे और कुछ लोगों को काम के दौरान महसूस होती। यहां तक कि कुछ लोगों पर ऐसा भी प्रभाव देखने को मिला जिससे वो यह भी नहीं जान पाए कि वह इसकी चपेट में हैं।

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हम अभी भी उन कारणों को पूरी तरह नहीं समझ पाएं हैं जिन कारणों से कोरोना वायरस हमारे इम्म्यून सिस्टम को प्रभावित करता है, और क्यों कुछ मामलों में इम्यून सिस्टम ओवरड्राइव में चला जाता है, जिससे और भी अधिक समस्याएं पैदा होती हैं। हालांकि हम कुछ बेसिक बातों से पता कर सकते हैं कि शरीर वायरस के संपर्क में आने पर कैसे प्रतिक्रिया करता है?

आपका इम्यून सिस्टम कोविड -19 से कैसे लड़ता है (How does your immune system fight Covid-19 in Hindi)?

जब कोविड- 19 शरीर में प्रवेश करता है, तो यह हमारी सेल्स यानी कोशिकाओं से जुड़ जाता है, उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लेता है, और फिर कोशकाओं पर हमला करने के लिए खुद की कॉपी यानी प्रतियां बना लेता है। हमारा इम्यून सिस्टम इसे रोकने के लिए प्रतिक्रिया देता यानी इसे रोकने की कोशिश करता है। सबसे पहले यह इससे निपटने के लिए अपनी फ्रंटलाइन रक्षा प्रणाली- जन्मजात प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बाहर भेजता है।

यह शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी वायरस के लिए पूर्व निर्धारित प्रतिक्रिया है। यह इस प्रतिक्रिया में इंटरफेरॉन नाम का इंफ्लामेन्ट्री प्रोटीन रिलीज करता है। जिसमें एंटीवायरल फ़ंक्शन होते हैं। इसका उद्देशय वायरस को ट्रैक करना होता है। हालांकि हम वास्तव में यह नहीं जानते हैं कि यह पहली प्रतिक्रिया संक्रमण को रोकने में कितनी कारगर है।

कोविड- 19 ऐसा है कि वैज्ञानिक इसके बारे में अभी भी सीख रहे हैं, और यह है कि यह काफी संपूर्ण रूप से गुप्त शाबित हो रहा है। सरकार की विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति की हालिया बैठक में, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मेडिसिन के रेगुयस प्रोफेसर, प्रोफेसर सर जॉन बेल ने बताया कि हमारे शरीर की जन्मजात ’प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कोरोनावायरस को डिटेक्ट नहीं भी कर सकती है।

उन्होंने वायरस के बारे में कहा कि यह काफी छोटा और शातिर होता है। वास्तव में इसके पास इंटरफेरॉन प्रतिक्रिया से बचने के लिए एक प्रणाली है, इसका मतलब है कि innate immune response यानी जन्मजात प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया डिसएबल है।

जबकि innate immune response यानी जन्मजात प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया इससे लड़ने की कोशिश कर रही है, (कभी यह फेल हो जाती है), यह और स्पेसफिक अडाप्टिव (adaptive) इम्यून रेस्पॉन्स को सूचना देती है, यह कोरोना से लड़ने के लिए बॉडी टेलर मेड सलूशन ( body’s tailor-made solution) है और इसमें बी सेल्स यानि कोशिकाएं रिलीज होते हैं, जो एंटीबाडी प्रोडूस करते हैं, साथ ही टी सेल्स भी, जो संक्रमित कोशिकाओं को मारते हैं। इसे तोड़ने में एक सप्ताह का समय लग सकता है।

ज्यादातर लोगों में, अडाप्टिव इम्यून रेस्पॉन्स ट्रिक (trick) करती है। लेकिन एक छोटे ग्रुप में, उनकी सेहत बिगड़ जाएगी और उन्हें अस्पताल की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति तक, वायरस ने फेफड़ों को बरबाद कर दिया होगा। यह एक ऐसी नाजुक अवस्था है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी पूरी तरह से ओवरड्राइव में जा सकती है।

कुछ कारणों से हमरे इम्यून सिस्टम के प्राकृतिक ब्रेक विफल हो जाते हैं और इंफ्लामेन्ट्री रिएक्शन ओवरशूट यानी लक्ष्य से बाहर चला जता है। इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. जेन्ना मैकियाची ने बताया, जब ऐसा होता है, तो साइटोकाइन (रासायनिक संकेतन अणु-chemical signalling molecules) रिलीज होते हैं। जो शरीर को इंफ्लामेन्ट्री को एक्टिव करने और वायरस को नियंत्रित करने के लिए कहते है।

लेकिन हाई लेवल का परिणाम कुछ ऐसा हो सकता है जिसे "साइटोकाइन स्टॉर्म" कहा जाता है। जहां इंफ्लामेन्ट्री होता है और शरीर में फ्लूइड का निर्माण होता है। लेकिन इम्यून सिस्टम स्वस्थ टिश्यू यानी ऊतक पर हमला करता है। यह सांस लेने के रास्ते को ब्लॉक, ऑर्गन्स को खत्म और संभावित रूप से कई अंग फेल हो सकते है और मृत्यु हो सकती है।

इंपीरियल कॉलेज लंदन में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डैनियल अल्टमैन बताते हैं, यह बहुत से लोगों के वायरस से क्षतिग्रस्त होने या दूसरों की अत्यधिक इम्यूनिटी क्षतिग्रस्त होने की बात नहीं है, कई तत्वों के भयानक मिश्रण की है।

हम अपने इम्यून सिस्टम को कैसे बढ़ा सकते हैं (How Can We Boost our Immune System in Hindi)?

एक्सपर्ट अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे इस महत्वपूर्ण बिंदु पर किसी मरीज के इम्यून सिस्टम को ओवररिएक्ट करने से रोक सकते हैं। ऐसे ट्रीटमेंट पर ध्यान दिया जाता है जो इंफ्लामेन्ट्री को कम करते हैं, जिसमें डेक्सामेथासोन, एक सस्ता एंटी इंफ्लामेन्ट्री स्टेरॉयड शामिल है, जो वायरस से होने वाली मौतों को कम करने के लिए पाया गया है।

  • एक्सपर्ट किसी भी अद्भुत सप्लीमेंट के दावों के खिलाफ चेतावनी देते हैं। अधिकांश इम्युनोलॉजिस्ट जरूरी नहीं है कि फ़ूड इंडस्ट्री के इम्यूनिटी बढ़ाने वाले दावों का पालन करें। 
  • अच्छे पोषण वाले स्वस्थ लोगों में एक बेहतर इम्यून सिस्टम होता है, और कमजोर पोषण वाले अस्वस्थ लोगों में काम चलाने वाला इम्यून सिस्टम होता है।
  • बेहतर इम्यून सिस्टम के लिए लोग हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं।
  • रोज नियमित एक्सरसाइज करें,
  • फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर आहार लें
  • पर्याप्त प्रोटीन और हेल्दी फैट लें।
  • कम या ज्यादा कैलोरी कंज्यूम न करें।
  • पर्याप्त नींद लें, (क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों महत्वपूर्ण हैं।)
  • और एंटीबायोटिक का सेवन अधिक न करें।

 

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